प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी के एक महिला स्व-सहायता समूह (SHG) की सराहना की, जिसने बुंदेलखंड क्षेत्र में घुरारी नदी को पुनर्जीवित करने और पानी की बर्बादी रोकने का कार्य किया।
जल-सहेली अभियान क्या है?
इस समूह को ‘जल सहेलियाँ’ के नाम से जाना जाता है। इन्होंने वर्षा जल को बर्बाद होने से रोकने के लिए बालू से भरे बोरों का उपयोग करके एक चेक-डैम (अवरोधक बांध) बनाने की पहल की। इस प्रयास से उस क्षेत्र की नदी को पुनर्जीवित किया गया, जहाँ अक्सर पानी की कमी का सामना करना पड़ता है।
जिले के बबीना ब्लॉक के सिमरावरी गांव की इस स्व-सहायता समूह ने बांध निर्माण के लिए छह दिनों तक स्वैच्छिक श्रम दिया। अब इस नदी का पानी स्थानीय लोगों के स्नान के लिए और पशुओं के पीने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है।
